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Dr sanyogita sharma

Fantasy Inspirational Others

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Dr sanyogita sharma

Fantasy Inspirational Others

ओ मेरे प्यारे पंछी

ओ मेरे प्यारे पंछी

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        ओ मेरे प्यारे पंछी..

आज मैं तुम्हें आजाद करती हूं!  

       इस अनचाही कैद से 

        हमेशा के लिये,

      ओ मेरे प्यारे पंछी...

नहीं समझा मैंने तुम्हारा दर्द,         

         तुम्हारी पीड़ा!

तुम्हारी तकलीफ, तुम्हारी ख्वाहिश

       ओ मेरे प्यारे पंछी...

  तुम उड़ जाओ कहीं और

  हर पिंजरे हर बंदिश से दूर

     तुम्हारे खूबसूरत पंख ,

    बेताब हैं फैलने के लिए!

        ओ मेरे प्यारे पंछी….

 घूम लो तुम इस नीले आसमान को

छू लो इन ऊंचे पेडों, और पुरानी बेलों को

     ये खूबसूरत खुला आसमान 

     इंतजार कर रहा है तुम्हारा!

         ओ मेरे प्यारे पंछी….

       तुम मुझे माफ़ कर देना

       स्वार्थी हो गयी थी मैं!

अपनी खुशी के लिए तुम्हारा इतना जीवन

        मैंने निरर्थक कर दिया!

         ओ मेरे प्यारे पंछी….

  जाओ स्वच्छंद उड़ो आबाद रहो,

  जहाँ भी जाओ सदा आजाद रहो

                             


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