ओ मेरे प्यारे पंछी
ओ मेरे प्यारे पंछी
ओ मेरे प्यारे पंछी..
आज मैं तुम्हें आजाद करती हूं!
इस अनचाही कैद से
हमेशा के लिये,
ओ मेरे प्यारे पंछी...
नहीं समझा मैंने तुम्हारा दर्द,
तुम्हारी पीड़ा!
तुम्हारी तकलीफ, तुम्हारी ख्वाहिश
ओ मेरे प्यारे पंछी...
तुम उड़ जाओ कहीं और
हर पिंजरे हर बंदिश से दूर
तुम्हारे खूबसूरत पंख ,
बेताब हैं फैलने के लिए!
ओ मेरे प्यारे पंछी….
घूम लो तुम इस नीले आसमान को
छू लो इन ऊंचे पेडों, और पुरानी बेलों को
ये खूबसूरत खुला आसमान
इंतजार कर रहा है तुम्हारा!
ओ मेरे प्यारे पंछी….
तुम मुझे माफ़ कर देना
स्वार्थी हो गयी थी मैं!
अपनी खुशी के लिए तुम्हारा इतना जीवन
मैंने निरर्थक कर दिया!
ओ मेरे प्यारे पंछी….
जाओ स्वच्छंद उड़ो आबाद रहो,
जहाँ भी जाओ सदा आजाद रहो
