तमन्ना
तमन्ना
तमन्ना बस इतनी थी हमारी
तेरे आंचल के साए में ज़िंदगी गुजरे सारी।
कहना तो चाहा पर कह न सके
हमारी ये ज़िंदगी अमानत है तुम्हारी।
तुम्हारे सिवा किसी को चाहा ही नही
बस यह एक खता है हमारी।
चाहा तुम्हे अपनी जान से भी जायदा
उस भरोसे का ये सिला मिला है हमें।
अब तो भरोसा कर ही नही सकते किसी पर
तुमने उस भरोसे का गला ऐसे मरोड़ा है।
तमन्ना बस यही थी हमारी
कि तेरे आंचल में ज़िंदगी गुज़रे सारी।
