STORYMIRROR

Gurwinder Singh

Tragedy Classics Fantasy

4  

Gurwinder Singh

Tragedy Classics Fantasy

तमन्ना

तमन्ना

1 min
190

तमन्ना बस इतनी थी हमारी

तेरे आंचल के साए में ज़िंदगी गुजरे सारी।


कहना तो चाहा पर कह न सके

हमारी ये ज़िंदगी अमानत है तुम्हारी।


तुम्हारे सिवा किसी को चाहा ही नही

बस यह एक खता है हमारी।


चाहा तुम्हे अपनी जान से भी जायदा

उस भरोसे का ये सिला मिला है हमें।


अब तो भरोसा कर ही नही सकते किसी पर

तुमने उस भरोसे का गला ऐसे मरोड़ा है।


तमन्ना बस यही थी हमारी

कि तेरे आंचल में ज़िंदगी गुज़रे सारी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy