आरजू
आरजू
ना दिल को करार ना ही आँखों में चैन
दिल ये हरपल करता साँसों को बेचैन
हर आरजू हर दुआ में बस तू ही तू है
मन के हर कोने में लबों में तेरी जुस्तजू है
इक आस बंधी है दिल में इंतजारी है तेरी
करती हर पल साँसों को बेकरारी है मेरी
साँस बनके साँसों में तू इस कदर समाया है
दिल में प्यार को तूने ही इस कदर बसाया है।