STORYMIRROR

Kashif Ahsan

Romance Classics Inspirational

4  

Kashif Ahsan

Romance Classics Inspirational

Ghazal "Inkishaf "❤️

Ghazal "Inkishaf "❤️

1 min
316

क्यूँ आँख हो गई मेरी पुरनम हवा के साथ 

शायद पुकारता है मुझे ग़म हवा के साथ 


सिखला दिया जहाँ ने तुम्हे भी जफा फरेब 

तुम भी रकीब बन गए जानम हवा के साथ 


जबसे उड़ा के ले गई मुफलिस के सर से छत 

तब से रहा गिला मुझे हर दम हवा के साथ


चलती हैं जब भी ज़ोर से पुवाईयाँ कभी 

रहता है दिल में दर्द भी मुबहम हवा के साथ 


इक याद-ए-रफ़्तगाँ थी मेरे पास में वही 

लड़ती रही जुनून से बाहम हवा के साथ


उसको बहा के ले गई जबसे हवा ए नौ 

करता हूँ बात चीत ज़रा कम हवा के साथ


काशिफ उसी को देख के पाया है हौसला 

जुगनु दिखा रहा था जो दम खम हवा के साथ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance