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Kashif Ahsan

Others

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Kashif Ahsan

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मेरे हम सफर

मेरे हम सफर

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हसींन ख्वाब के मंज़र  तलाश  करते हुए 

मै थक गया हूँ तिरा घर तलाश करते हुए


खुद अपने आप की नज़रो मे ही गिरा हर बार 

वो मेरे हाथ मे  पत्थर तलाश  करते हुए


किसी फरेब मे  गुज़री ये  ज़िन्दगी  मेरी 

कोई  हसीन सा दिलबर तलाश करते हुए


न जाने कौन से  दु:ख में था मुब्तला कातिल 

वो खुश नही था मिरा सर तलाश करते हुए


मेरे  रकीब अभी  तक  हैं मुब्तला-ए-ग़म

मिरे वजूद  का पैकर  तलाश  करते हुए


न जाने कितने ही शाहों ने खुद कुशी कर ली 

हमारे हाथ  के  जौहर  तलाश करते हुए 


बदन  दरीदा तो छलनी है पैरहन काशिफ 

मै रो पड़ा  हूँ मुकद्दर तलाश  करते हुए।


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