रहस्य
रहस्य
रहस्य तो रहेगी तेरी मेरी मोहब्बत
ये दुनिया को दिखाने की चीज़ नहीं।
दीदार को आँखे तेरी भी तरसती होंगी
ये क़िस्मत की रेखा हैं कोई ज़ंजीर नहीं॥
जाने कितने रहस्य छिपे हैं इस दुनिया में
ऐसी छिपी हुयी मोहब्बत के॥
ग़ैरों के क्या नाराज़गी रखते
अपनो की आँखो में खटकने लगे थे॥
किताबों में बंद गुलाब जैसे सिमट कर
रह जाएगा ये तेरी मेरी मोहब्बत।