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Yashvi bali

Classics Inspirational

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Yashvi bali

Classics Inspirational

मैं दोस्त हूँ तेरा ….

मैं दोस्त हूँ तेरा ….

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मैं दोस्त हूँ….

दूर नही तेरे पास हूँ…

और बड़ा ही ख़ास हूँ 

दोस्तों के बिना ज़िंदगी में 

ना जीने का मज़ा 

ना हंसने की वजह 


ढूँढते रहते हैं एक ऐसा शख़्स 

सोचते हैं कभी तो मिलेगा 

मिल जाएगा तब सुकून 


नही पहचान पाते उस को …

जब रोए तो भी उसे याद किया 

मुस्कुराए तब भी याद किया 


गिरे कहीं तो बच गए …

कोई चोट ना लगी तो ….सोचा 

अपने दम से खड़े हुए ..


निराश थे जब इस जहां में 

पुकारने दौड़ पड़े ..

पहुँचे उस की पनाह में ..

पर कभी भी ना …

दोस्त का दर्जा उसे दिया 

तू तो भगवान हैं ..

तेरे हाथ के खिलोने हैं हम ..

कह के बस काम तमाम किया 


ले के भी अनजान है जब 

पा के ऐसा दोस्त भी यशवी ..

दुनिया में हैरान परेशान है सब।


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