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Yashvi bali

Inspirational Others

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Yashvi bali

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ए दोस्त …

ए दोस्त …

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ए दोस्त 

ए दोस्त तुझे का नाम दूँ 

तुम क्या हो मेरे लिए 

किस तरह ये पैग़ाम दूँ 


माँगी थी एक दुआ 

उस रब से कभी 

शामिल थी उस में हज़ारों चाहतों की एक फ़ेहरिस्त 


पढ़ती थी जब जब वो सारी बातें 

मुस्कुराती थी बस सोच के ये 

एक दुआ कहा मैंने जिसे 

वो तो एक किताब है

पढ़ कर ये सब कुछ 

कैसे करेगा वो ये 

सब एक लंबा हिसाब है …


वो भी सोचेगा कैसी निकली

 मेरी ही बनायी हुई एक तस्वीर है 

नहीं चाहा कभी गिर जाऊँ उस रब की नज़र में 

एक मैं ही नहीं …

लाखो है उसकी दुआओ की डगर में 


बस सोच के इतना ही 

समेट लिया था 

अपनी हर इच्छा के बाज़ार को 

तेरी नज़र में रहूँ …

तेरी दुआओ में रहूँ …

बस भर लूँ इन से अपनी गागर को 


शायद मेरी यही बातें भा गई रब 

जो जो मैंने मांगा पा गई सब …


एक दोस्त कहूँ , बहन कहूँ 

तेरी रहमतों का सागर है 

में रश्मि से 

भरी एक गागर है …


खुशनसीब है हर वो इंसान 

जिस में भरा तूने सब्र की बूंदो को 

मैंने पा लिया …

सब पा जाएँगे …

उसकी दुआओं की बारिश को 

ना भूला है वो रब

ना भूलता है अपनी बनाई तस्वीरों को 

सुंदर रंग से भर देता है इन तस्वीरों की तक़दीरों को 

याद उसको रखना सभी 

एक रब ही है

जो भूलता नहीं इन रची हुई तदबीरों को 



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