ज़िंदगी जी मैंने
जीने के राज़ थे मेरे साथ
समझने की ज़रूरत ना थी
चलते रहना ही जाना था
रुक जाने वाली कोई रात ना थी
ज़िंदगी जी मैंने
समझने की ज़रूरत ना थी
कुछ रास्ते बड़े सुहावने थे
छोटे छोटे टेडे मेड़े थे
वो डगर बड़ी सुहानी थी
साथ में मेरे अपने
माँ पापा की रवानी थी
ज़िन्दगी बहुत मस्त थी
ना कोई फ़िक्र ना परेशानी थी
हर रास्ता नई मंज़िल पे गया
मैंने भी हर राह पहचानी थी
ज़िन्दगी जी मैंने
समझने की जरूरत ना थी
मुस्कुरा के सब झेला मैंने
खुशियों के साथी सभी थे
आंसुओ को कोई पोंछे
ऐसी कोई सांझेदारी ना थी
हंसते हंसते कट गए रास्ते
ज़िन्दगी की यही कहानी थी
ना सीखी किसी से
ना सीखना किसी से
ज़िन्दगी जी लेना अपने लिए
ना रुकना ना ठहरना कहीं
ये पड़ाव नहीं ….रास्ते हैं
चलते चले जाना
ज़िन्दगी जी @यशवी मैंने
तुम भी जीना यूहीं
ज़रूरत नहीं समझने की ….
#@यशवी