मेरी छोटी सी हथेली
*हथेली तब भी छोटी थी,
हथेली अब भी छोटी है,
पहले खुशियाँ बटोरने में चीज़ें छूट जाती थीं,
अब चीज़ें बटोरने में खुशियाँ छूट जाती हैं।*
सुना करते थे ऊँचाई इंसान की
अकेले पा लेने में नहीं होती
साथ किस किस को ले गए
उस से मापी जाती है
हर कदम जो मैंने आगे रखा
अपनों को साथ साथ ले के चली
कभी ना छोड़ा किसी का साथ
दुख में भी सुख में भी
फिर ना जाने क्यों
खुशिया समेट ना सकी
अपने लिए
हथेली छोटी थी छोटी ही रही
समझने को यह सब
अतीत में भी झाँका
कहाँ कमी थी
क्यों पीछे रह गई
फिर एक आवाज़ आयी
देने को आयी थी तू
@यशवी यहाँ
क़र्ज़ था तेरे ऊपर सभी का
चुका रही है जो आज तू
अब और क़र्ज़ लेने की कोशिश ना कर
अगले जन्म में चुकाने की चाहत नहीं है
ज़िन्दगी लेंने देंने का सौदा है
खरा खरा ही कर जाना इसे
फिर लौट के ना आना कभी
उस रब के चरणों में बस जाना
छोटी है हथेली
शुक्रिया उस का
ले कर जाने का अब डर नहीं
#@यशवी…