Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

गीता ज्ञान

गीता ज्ञान

1 min
436


कल जो तेरा बीत गया

उस का पश्चाताप क्यों

कल जो है अभी आने वाला

चिंता और संताप क्यों


आज है जो चल रहा

उसको तू सुधार ले

कर्म तू कर ले कुछ ऐसा कि

कल को तू निखार ले


डर रहा है मौत से तू

अमर ये तेरी आत्मा है

ना तो ये है पैदा होती

न तो इसका खातमा है


शस्त्र से ये कट न पाए

पानी इसे डुबो न सकता

अग्नि इसे जला न पाए

हस्ती कोई मिटा न सकता 


धरती पर थे जब तुम आए

खाली हाथ ही आये थे तुम

जो मिला यहीं मिला है

कुछ भी तो न लाये थे तुम


ईश्वर ने दिया तुम्हें है

जो भी तेरे पास है अब

चला गया अगर ये कल तो

मानो वापिस ले लिया सब


जो हुआ था बीते कल में

मानो वो बहुत सही है

आज भी जो होगा समझो

गलत उसमे कुछ नहीं है


आने वाले कल में भी जो

होगा समझो अच्छा होगा

सच्चा फल मिलेगा उसको

कर्म जिसका सच्चा होगा


आज एक रंक है वो जो

कल था कहीं पर राज करता

एक पल ख़ुशी है एक पल ग़म है

मौसम ये हर पल बदलता


दुःख और चिंता जो सताए

भगवान की शरण में आओ

तुम्हारी रक्षा वो करेंगे

बंधन से तुम मुक्ति पाओ


कर्म किया जो उसका फल तुम्हें 

भोगना यहीं पड़ेगा

बोया है जो भी जीवन में

काटना वही पड़ेगा



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics