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Sonali Tiwari

Classics Inspirational

4.8  

Sonali Tiwari

Classics Inspirational

वह....

वह....

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सभी तारीफ़ किया करते हैं… 

उसकी मासूमियत की… 

उसकी खिलखिलाहट की… 

उसकी नज़ाकत की… 

उसके हर इक अंदाज़ की… 


 अपनों के लिए वह एक चंचल सी तितली है….  

पर उसकी अनकही दास्तां कुछ और भी कहती हैं…  

अपनी तकलीफें जिन्हें वह छिपाती है… 

अपनी कमजोरियां जिन्हें वह स्वीकारती है… 


अपनी परेशानियां जिन्हें वह खुद सुलझाती है… 

अपने आंसुओं को अपने तक रखकर… 

अपनी मुस्कुराहट औरों में बांटती है… 

वह चंचल तितली ज़रुर है… 


पर लोगों की पहुंच से दूर… 

वह फूलों सी नाज़ुक ज़रुर है… 

पर कांटों में रहकर बिखरती नहीं… 


वह बंधनों में है, पर उनमें बंधी नहीं… 

क्षितिज में उसकी सीमाएं हमेशा उसके हौसले तय करते हैं…।  


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