अष्टभुजी मां कुष्मांडा को सादर कर लीजिए प्रणाम। अष्टभुजी मां कुष्मांडा को सादर कर लीजिए प्रणाम।
हे उद्धव क्या मुझे समझाएं ज्ञान की बातें काहे बतलाएं। हे उद्धव क्या मुझे समझाएं ज्ञान की बातें काहे बतलाएं।
तब हूँ मैं सबसे सुरक्षित और अद्वितीय जीवन की प्रति। तब हूँ मैं सबसे सुरक्षित और अद्वितीय जीवन की प्रति।
कृष्ण पत्नियाँ उनके बिछोह की आशंका में व्याकुल हो जातीं सब । कृष्ण पत्नियाँ उनके बिछोह की आशंका में व्याकुल हो जातीं सब ।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान कृष्ण बैठे हुए थे। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान कृष्ण बैठे हुए थे।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित श्री कृष्ण की प्रत्येक पत्नी से. श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित श्री कृष्ण की प्रत्येक पत्नी से.
भगवान कृष्ण ने कहा, उद्धव जो कुछ कहा तुमने मुझसे मैं वही करना चाहता हूँ। भगवान कृष्ण ने कहा, उद्धव जो कुछ कहा तुमने मुझसे मैं वही करना चाहता हूँ।
उदास ह्रदय में खुशी का प्रकाश प्रदीप्त कर दो ! उदास ह्रदय में खुशी का प्रकाश प्रदीप्त कर दो !
गहन तम को कम करने की शक्ति है, मिट्टी के इस नन्हें से दीपक में मेरे यार ! गहन तम को कम करने की शक्ति है, मिट्टी के इस नन्हें से दीपक में मेरे यार !
कैसे एक साधारण इंसान देवता समान ही श्रेष्ठ हो सकता है। कैसे एक साधारण इंसान देवता समान ही श्रेष्ठ हो सकता है।
अत्याचार का अन्त करने भगवान विष्णु ने लिया वराह अवतार। अत्याचार का अन्त करने भगवान विष्णु ने लिया वराह अवतार।
शक्ति आजमाने को अपनी, महिषासुर था आतुर सा। शक्ति आजमाने को अपनी, महिषासुर था आतुर सा।
मोरपंखी हरा रंग होता बहुत ही मनमोहक, मोरपंखी रंगो जैसा अद्भुत नूरानी आकर्षक। मोरपंखी हरा रंग होता बहुत ही मनमोहक, मोरपंखी रंगो जैसा अद्भुत नूरानी आकर्षक।
जीवन में रंगों का महत्व नवदेवी ने बताया हमारे जीवन को रंगभरी रंगोली से सजाया जीवन में रंगों का महत्व नवदेवी ने बताया हमारे जीवन को रंगभरी रंगोली से सजाया
धन-समृद्धि दे करतीं मनो कामनापूर्ति, प्रसन्न हो देतीं मां,उल्लास, शक्ति,स्फूर्ति। धन-समृद्धि दे करतीं मनो कामनापूर्ति, प्रसन्न हो देतीं मां,उल्लास, शक्ति,स्फूर...
पुनः शकुनि की कपट-चाल से, एक युधिष्ठिर छला गया है । पुनः शकुनि की कपट-चाल से, एक युधिष्ठिर छला गया है ।
तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से लिपट जाता है तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से ...
उर की खिड़कियां खोल दो और बसने दो पूरे शहर सा खुद में। उर की खिड़कियां खोल दो और बसने दो पूरे शहर सा खुद में।
स्त्री से ही घर परिवार , स्त्री बिन ना रहे संसार। स्त्री से ही घर परिवार , स्त्री बिन ना रहे संसार।
आत्मैक्य सहचारिता सुखद अहसास आत्मैक्य सहचारिता सुखद अहसास