वेद ब्राह्मण इस विषय में जो कुछ कहते हैं, ठीक सब। वेद ब्राह्मण इस विषय में जो कुछ कहते हैं, ठीक सब।
भगवान कृष्ण कहें, हे उद्धव सांख्य शास्त्र सुनाऊँगा अब तुम्हें। भगवान कृष्ण कहें, हे उद्धव सांख्य शास्त्र सुनाऊँगा अब तुम्हें।
कहें कि धर्म विरुद्ध नहीं ये बलवान पुत्र होगा एक तुमसे कहें कि धर्म विरुद्ध नहीं ये बलवान पुत्र होगा एक तुमसे
आरोप कर के अन्य वस्तुओं का निषेध कर देतीं हैं उनका। आरोप कर के अन्य वस्तुओं का निषेध कर देतीं हैं उनका।
है प्यार इस दुनिया में ये माना, तुमको देख कर राम ये जाना ! है प्यार इस दुनिया में ये माना, तुमको देख कर राम ये जाना !
है नमन पुण्यभूमे, प्राण-भूमे नमन है, श्वर्गादपि गरीयसी, माँ ! तुमको नमन है। है नमन पुण्यभूमे, प्राण-भूमे नमन है, श्वर्गादपि गरीयसी, माँ ! तुमको नमन है।
अपनी खबर नहीं बस जी रहे हैं, हम एक बड़ी भीड़ में खो गए हैं। अपनी खबर नहीं बस जी रहे हैं, हम एक बड़ी भीड़ में खो गए हैं।
भरसक किसी की भलाई जलते लोग। गरीब की तरक्की दुनिया को खलती है।। भरसक किसी की भलाई जलते लोग। गरीब की तरक्की दुनिया को खलती है।।
जीवन दान दिलाती है नारी यूं ही नहीं नारी कहलाती है। जीवन दान दिलाती है नारी यूं ही नहीं नारी कहलाती है।
छोड़ो स्वार्थ कटुता दंभ द्वेष भरो, अब भरो हर हृदय में अविरल प्यार। छोड़ो स्वार्थ कटुता दंभ द्वेष भरो, अब भरो हर हृदय में अविरल प्यार।
जब तक साथ है जी ले इसे, आज की खुशियां कल उधार नहीं देगी। जब तक साथ है जी ले इसे, आज की खुशियां कल उधार नहीं देगी।
उद्धव जी ने कहा, हे कृष्ण आप की आज्ञा ही वेद हैं। उद्धव जी ने कहा, हे कृष्ण आप की आज्ञा ही वेद हैं।
हर पल हर वक़्त, तत्पर ही देश प्रति, सिर को कभी झुकाता नहीं कटा देता है ! हर पल हर वक़्त, तत्पर ही देश प्रति, सिर को कभी झुकाता नहीं कटा देता है !
मेरे भजन में लग जाये छोड़ दे सब आसक्तियों को । मेरे भजन में लग जाये छोड़ दे सब आसक्तियों को ।
बेटियां अब किसी मैदान में पीछे भी नहीं। "सगीर" बेटों की तरह शान से पालो बेटी। बेटियां अब किसी मैदान में पीछे भी नहीं। "सगीर" बेटों की तरह शान से पालो बेटी।
प्रतीक्षा सदा अच्छा नहीं होता है जान लें सभी। प्रतीक्षा सदा अच्छा नहीं होता है जान लें सभी।
हे उद्धव क्या मुझे समझाएं ज्ञान की बातें काहे बतलाएं। हे उद्धव क्या मुझे समझाएं ज्ञान की बातें काहे बतलाएं।
अष्टभुजी मां कुष्मांडा को सादर कर लीजिए प्रणाम। अष्टभुजी मां कुष्मांडा को सादर कर लीजिए प्रणाम।
श्याम तेरे चरणों में है शत शत प्रणाम, तेरे दर्शन करने हम आए गोकुल धाम। श्याम तेरे चरणों में है शत शत प्रणाम, तेरे दर्शन करने हम आए गोकुल धाम।
मलिन सा उजास है तो भीं नहीं हताश हूँ मैं सदा सुवास हूँ मैं श्वास निः स्वाश हूँ। मलिन सा उजास है तो भीं नहीं हताश हूँ मैं सदा सुवास हूँ मैं श्वास निः ...