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Serena Ahluwalia

Classics Drama Inspirational

5.0  

Serena Ahluwalia

Classics Drama Inspirational

लम्हें

लम्हें

1 min
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शाम का वो ढलता हुआ समय,

जो गुज़रता है बहुत जल्दी।

ज़हन में आते हैं वो लम्हें,

जिनमें यादें हैं गहरी।


गरम समोसों का मज़ा

बारिश में उठाना,

मटरगश्ती करके

सबको परेशान करना।


कभी पढ़ाई से

बचने के बहाने ढूंढ़ना,

वो रूठे हुए

दोस्तों को मनाना।


बाद मैं क्या होगा,

इसकी चिंता कभी नहीं की,

बस मुसाफिर थे,

इसलिए आगे चल दिए।


मन करता है कि,

समय थम जाये बस वहीं,

जहाँ ज़िन्दगी के

हसीन पल थे जिए।


वो पहली बार,

जब माँ का हाथ सिर पर न था,

तब उस दिन,

डर बहुत लगा था।


वो अपने बल-बूते,

की पहली कमाई।

जो बापू के चेहरे पर

ले आयी मुस्काई।


कुछ कर दिखाने की अभिलाषा,

डट कर मुकाबला करने का दम।

यही थी जीवन की प्रबल इच्छा,

नहीं दुःखी कर पाया कभी कोई गम।


छोटा से छोटा, बड़े से बड़ा,

किया हर जगह, हर काम।

पाया सोना जो था गड़ा,

कामयाबी से कमाया नाम।


बच्चों की उज्वल परवरिश के लिए

लगाया जोर

परंतु मन नहीं माना,

कि छूटे उनसे डोर।


नए मौकों की तलाश में,

भरी उन्होंनें उड़ान।

विश्वास था, कि होगा

उनका भी आलिशान मकान।


शाम का वो ढलता हुआ समय,

जो गुज़रता है बहुत जल्दी।

ज़हन में आते हैं वो लम्हें,

जिनमें यादें हैं गहरी।।


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