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Sonali Tiwari

Fantasy Others

4.6  

Sonali Tiwari

Fantasy Others

यूं ही कभी....

यूं ही कभी....

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फ़ुरसत का इक लम्हा और यादों का पिटारा…

कुछ मुस्कराते चेहरे , कुछ चंचल अदाएं…

मानो सबकुछ नज़र के सामने प्रदर्शित हो..

वो गहरी बातें जिनमें शब्द न थे…

वो वादें जो बिन शर्त निभाए गए…

स्मृतियों का चलचित्र बन सजीव हो उठती हैं…

इक पल को भीगती पलकें…

अनायास ही अगले पल चमक उठती हैं…

मानो इस पल में यह यादें….

 हमें हमारे ही हिस्से से अवगत करा रही हों …

साथ ही इस नए एहसासों के रंग में…

इन यादों से जुड़ा हर रिश्ता भी खिल उठता है…



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