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Irfan Alauddin

Classics

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Irfan Alauddin

Classics

दिल नही है जाँ नहीं है

दिल नही है जाँ नहीं है

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दिल नही है जाँ नही है पास में

कौन जाने क्या लिखा है रास में


साथ पल भर का मिला फिर बिछड़ गए

क्या कहू मैं कौन है अब पास में


आस तो है आएगा तू लौट कर

देखता हूँ क्या लिखा है रास में


बज़्म वीराँ है पड़ी मेरी समझ

तू चल अभी के अभी जाँ साथ में


इस शहर में क्या रखा है बोल दे

भाग चल तू साथ मेरे रात में।


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