खुश रहो
खुश रहो
छोटी सी है ज़िन्दगी, हर हाल में ख़ुश रहो
कोई रूठा हो आपसे, उसे मना के ख़ुश रहो
कभी थक गए होतो मेहनत करने का लुत्फ़ उठा के ख़ुश रहो
कोई दूर चला गया हों तुमसे तो उसकी मीठी यादों में ख़ुश रहो
कोई करीब हो तुम्हारे तो उसका सानिध्य पाने की ख़ुशी से खुश रहो
किसी की आवाज़-मात्र ही सुनायी देती है अगर तो उस ध्वनि की मिठास में ख़ुश रहो
कभी नाराज़ हों किसी से,उसकी अच्छाईयाँ याद करके ख़ुश रहो
"कल क्या होगा "का मंथन छोड़कर अपने आज में ख़ुश रहो
छोटी सी है ये ज़िन्दगी, चार हैं इसके पल इसके हर पल में ख़ुश रहो।