तुम्हारे होने से, मुझे... खुद के होने का... एहसास होता है… तुम्हारे होने से, मुझे... खुद के होने का... एहसास होता है…
तुम्हारे सानिध्य की ललक हमेशा रहती है! तुम्हारे सानिध्य की ललक हमेशा रहती है!
आप से मान आप से ही सम्मान गुरूवे नमः। आप से मान आप से ही सम्मान गुरूवे नमः।
मन की गहराई में जाकर, हुई खुद की पहचान अब तक तो था मैं, अपने आप से ही अनजान मन की गहराई में जाकर, हुई खुद की पहचान अब तक तो था मैं, अपने आप से ही अनजान
और मैं उन पलों में तुम्हारे सानिध्य के लिए सुलगती रहती हूँ ! और मैं उन पलों में तुम्हारे सानिध्य के लिए सुलगती रहती हूँ !