मत बन ए मानव गुनहगार वह घर के आँगन की देवी है। मत बन ए मानव गुनहगार वह घर के आँगन की देवी है।
हम जी लेंगें फिर एक बार उसे इस जिंदगी में। हम जी लेंगें फिर एक बार उसे इस जिंदगी में।
सौंधा सा इतवार हो खुशनुमा व्यवहार हो आप हो आपके अपने हो सर्दी में कड़क सी चाय हो सौंधा सा इतवार हो खुशनुमा व्यवहार हो आप हो आपके अपने हो सर्दी में कड़क सी चाय ...
दिवाली का यह सन्देश नमन बीते कल को, और सदा आपके साथ की प्रार्थना को मिले। दिवाली का यह सन्देश नमन बीते कल को, और सदा आपके साथ की प्रार्थना को मिले।
वक़्त को हक़ है की वो आपसे छीन ले मासूम शर्माहट वक़्त को हक़ है की वो आपसे छीन ले मासूम शर्माहट
सुंदरता में देवी, बोली मिश्री सी है शांत वो सागर सी सुंदरता में देवी, बोली मिश्री सी है शांत वो सागर सी