आज और कल की इस दौड़ में न सोता न जागता इंसान। आज और कल की इस दौड़ में न सोता न जागता इंसान।
सीख हम ले रहे प्रेरणा ले रहे, मुदित भाव से वो उपहार दे रहे। सीख हम ले रहे प्रेरणा ले रहे, मुदित भाव से वो उपहार दे रहे।
क्योंकि इस बार पड़ोसी पर नहीं ! कोहराम खुद पर आया हैं। क्योंकि इस बार पड़ोसी पर नहीं ! कोहराम खुद पर आया हैं।
सच में रमते देवता झूठ में बसे चंडाल। सच बोले ज्ञानी बने झूठ बोले बने मूढ। सच में रमते देवता झूठ में बसे चंडाल। सच बोले ज्ञानी बने झूठ बोले बने मूढ।
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।
मन की गहराई में जाकर, हुई खुद की पहचान अब तक तो था मैं, अपने आप से ही अनजान मन की गहराई में जाकर, हुई खुद की पहचान अब तक तो था मैं, अपने आप से ही अनजान