दौड़
दौड़
आज और कल की इस दौड़ में
न सोता न जागता इंसान
सोता तो सैकड़ों ताना बाना लिए
और जागता तो करोड़ों आशाएँ लिए
आज और कल की इस दौड़ में
न सोता न जागता इंसान।
ज़िंदगी की भागदौड़ में
हज़ारों सपने लिए
चमचमाती असंख्य आँखें
टिमटिमाते सपने लिए
आज और कल की इस दौड़ में
न सोता न जागता इंसान।
होगी सत्यता साकारता
इस सोच को करे जीवंत
आकांक्षाएँ और तृष्णाओं को साथ लिए
आज और कल की इस दौड़ में
न सोता न जागता इंसान।
