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DRx. Rani Sah

Tragedy Others

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DRx. Rani Sah

Tragedy Others

तुम कहाँ बेवफ़ा हो?

तुम कहाँ बेवफ़ा हो?

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ना मतलबी ना दगाबाज ना गुनहगार ना बेवफा हो तुम

हम कहा तुम्हें बेवफा कह रहे हैं? 

हम तो इश्क़ का सबक समझ रहे हैं

शायद जमाना बड़ा खराब है 

कौन जाने किसका बुरा ईमान है

बेहतरीन की तलाश में 

ताउम्र अच्छा खोते चले गए

मामला था दिल का पर देखो

चोट खाकर भी आसानी से संभल गए

इश्क़ है कोई जवाबदारी नहीं

जो हर किसी से संभल जाए वो जिम्मेदारी नहीं

हम कहा तुम्हें गुनहगार कह रहे हैं? 

हम तो सच्ची मोहब्बत की सजा भुगत रहे हैं

किसी उलझन में किसी परेशानी में बहक जाते हैं

कसूर तुम्हारा नहीं अब इश्क़ की बात से भी चिढ़ जाते हैं

क्या तुम्हें याद आती हैं मेरी वो बातें? 

तुझसे मिलकर तेरा हो जाते थे वो प्यार भरी मुलाकातें

फिर वही चीज वही काम कर रहे हैं

बेतुके सवालों के संग अपना हर लम्हा तेरे नाम कर रहे हैं

अब जाना हमने लोग क्यों मुकर जाते हैं

बेचारे टूट कर इश्क़ में हद से जो बिखर जाते हैं

हम कहा तुम्हें दगाबाज कह रहे हैं? 

हम तो अपनी अधूरी मोहब्बत के दायरे में जी रहे हैं

हजार बार तेरी यादों को खुद से दूर किया हैं

पर तेरी यादों ने तोड़ कर मुझे चकनाचूर किया हैं

सब कुछ सिखा हमने इस जहान में

झुकना सिखा उठना सिखा सच झूठ का अदब सिखा

छोड़ कर भी तुझे तेरे हाल पे 

हमें कहा आया तेरे बगैर जीना

हम कहा तुम्हें मतलबी कह रहे हैं? 

कल खेला था तुमने हमारी मोहब्बत से हमारे दिल से

आज हम खेलने लगे अपनी मंज़िल से ।।



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