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DRx. Rani Sah

Abstract Inspirational

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DRx. Rani Sah

Abstract Inspirational

नाकामयाबी झेली है?

नाकामयाबी झेली है?

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नाकामयाबी झेली हैं? 

किस्मत ने अगर इम्तिहान ले ली हैं? 

ना करना धीमी अपनी रफ़्तार को, 

पकड़े रखना ख्वाबों के आसमान को,


अपने हौसलों से देना मात तुम हार को, 

उत्साहित खुद को रखना ताकि, 

हार भूल ना पाए तेरे प्रहार को,


जुनून अपने सीने में बरकरार रखना, 

हासिल करना हो अगर सफलता, 

ज़िंदगी के इस कड़ी जंग में, 

पास अपने मेहनत का हथियार रखना,


याद रहे रोज गुजरना हैं इस सफ़र से, 

अच्छे बुरे इस समय से, 


अपनी जुनून भरी इरादों से,

दो आराम तुम विराम को, 

अपने मन में ठान लो,

जो देखे हैं इन आँखों से, 

उन सपनों के नाम पक्की गाँठ बाँध लो,


जिद्द है तो जिद्द बदलेगी जीत में, 

दर्द जल गई तेरे मंज़िल की प्रीत में, 

हर परेशानी सही हैं तकलीफों के एहसास वही हैं, 

शिकायतें क्या रखना जहन में अपने, 

हर दिन चुनौतियाँ नयी हैं,


लक्ष्य पाने की आस रहे, 

उसी पे टिकी निगाह रहे, 

कोशिशें कामयाब होंगी, 

हर बार डट कर तैयार रहो,


बस लगे रहो कामयाबी की चाह में, 

थकना नहीं हैं मुश्किल राह में, 

गिरने के बाद उठ कर चलना जरूरी हैं, 

खुदा के बनाये सांचे में ढलना जरूरी हैं,


फिसल रहे हैं कदम तो, 

बढ़ते कदमों पर संभालना जरूरी हैं, 

कोई जख्म अगर ताजा हो, 

तो मरहम लगा कर भरना जरूरी हैं,


ना हताश होना है,

ना वक़्त का रोना रोना है, 

बिखर गए हैं अगर कुछ चोट से तो, 

संघर्ष के साथ निखरना जरूरी हैं।



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