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DRx. Rani Sah

Romance Tragedy

4  

DRx. Rani Sah

Romance Tragedy

तुम बिन

तुम बिन

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ना तू साथ मेरे 

ना पास है

सोच कर फ़िर 

ये दिल उदास है, 


ना कोई खाब

ना मेरे लिए कोई खास है

मेरे भीतर सिर्फ़ तेरा

तेरा ही एहसास है, 


इन आँखों में पानी है

इस पानी में

तैरती अपनी प्रेम कहानी है

तेरा साया मुझ में

मुझको तेरा ही सब लगता हैं

हैं जरूरत मुझको तेरी

मेरी खातिर तू सबसे जरूरी 

तेरे बाद ही

जरूरी वो रब लगता हैं, 


मेरा कोई नहीं

तेरे सिवा

इतने सालों तक

तुझे खुद से

खुद को तुझसे

अलग रहने दिया, 


अब यकीन मानो

तेरे बिना रहा नहीं जाता

दर्द ये सहा नहीं जाता

तुझसे ना कहूँ तो कहूँ मैं किससे

हर किसी से सब कहा नहीं जाता, 


तुझसे दूर रह कर

मुझे अक्सर लगता हैं

तुझसे अलग रहने में

अब डर लगता हैं, 


रह रहे हैं बिना मन

तुझसे दूर बहुत

सच कहे तो

ना कोई अच्छा यहाँ

ना अच्छा मुझको ये घर लगता हैं

एक तेरे ना होने से

सूना पूरा कोलकता शहर लगता हैं, 


मुझे नहीं लगता कि

अब और ऐसे रह पाएंगे

दर्द ये सह जायेंगे

मोहब्बत की है तुमसे

तेरी यादों से नहीं

ना की है तेरी ख़्यालों से, 


नहीं चाहत मुझे अकेले सफ़र की

हद हो गयी अब सब्र की

तू ही बता

तेरे बिना किधर जाए हम

अच्छा होता 

अगर मर जाए हम

अगर मर जाए हम......!!



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