फूलों मैं भी शूल की बात होती है दीपक होकर भी उजाले से, फूलों मैं भी शूल की बात होती है दीपक होकर भी उजाले से,
तरस गया है मन कब होगा मेरा भारत स्वतंत्र तरस गया है मन कब होगा मेरा भारत स्वतंत्र
ख़त्म करने का वो आदाब भी आता ही नहीं। ख़त्म करने का वो आदाब भी आता ही नहीं।
नशीली आँखें, मदहोश बातें, शायराना लहजा, मेरे दिल को, इस खूबसूरत खंजर से बचा लेना। ए खुदा, काला ध... नशीली आँखें, मदहोश बातें, शायराना लहजा, मेरे दिल को, इस खूबसूरत खंजर से बचा ले...
क्या गलत है क्या सही है, मुझको ना परवाह है क्या गलत है क्या सही है, मुझको ना परवाह है
मज़लूम जान मुझको गले से लगा लिया मुझसे ही मेरा दर्द चुराने का शुक्रिया मज़लूम जान मुझको गले से लगा लिया मुझसे ही मेरा दर्द चुराने का शुक्रिया