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Sangram Pisat

Romance

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Sangram Pisat

Romance

ए खुदा, जरा उसे भी समझा देना..

ए खुदा, जरा उसे भी समझा देना..

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नशीली आँखें, मदहोश बातें, शायराना लहजा,

मेरे दिल को,

इस खूबसूरत खंजर से बचा लेना।

ए खुदा,

काला धागा बनके,

मेरे प्यार को बुरी नज़रों से बचा लेना। 


वैसे कोई खूबी नहीं,

जो उसमे मौजूद नहीं। 

बस थोड़े,

प्यार के आदाब सीखा देना। 

अगर कहीं तोड़े मेरे सपने भी,

तो मेरे रोने की आवाज़ न आये,

इतनी रहमत बरसा देना। 


ऐ खुदा, जरा उसे भी समझा देना...


पढ़ी-लिखी बहोत है वोह,

आँखें भी पढ़ना जरुरी है बता देना। 

अगर कहीं से सुन रही हो,

तो यह सारे अल्फ़ाज़,

तुम्हारे ही लिए लिखे है समझ जाना। 


ऐ खुदा, जरा उसे भी समझा देना...


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