यह जो सच जानते हो ना...
यह जो सच जानते हो ना...
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यह जो सच जानते हो ना तुम मेरे बारें,
वो काफी पुराना हो चूका है
कई आए, कई गए ,
सारा जमाना बदल चूका है।
रुत में पन्ने झड़ जाते है,
वो 'मौसम' बदल चूका है।
सुना है ,
काफी रोया था मैं उस समय ,
'आँसूओं की बारिश' हुए ज़माना हो चूका है।
यह जो सच जानते हो ना तुम मेरे बारें,
वो काफी पुराना हो चूका है।
वक़्त सही दिखा रही है वोह,
पर मेरा वक़्त बदल चूका है।
बच्चा समझते थे ना तुम जिसे,
वो वादें - कसमें तोड़ना सीख चूका है।
यह जो सच जानते हो ना तुम मेरे बारें,
वो काफी पुराना हो चूका है।
वो जो 'प्यार' ढूंढ रहा था ना,
वो अब इन 'पन्नों' में बस चूका है।
ढूंढा नहीं किसीका 'जिस्म' उसने,
वो तो बस इस 'कलम' में छुप चूका है।
