STORYMIRROR

Usha R लेखन्या

Inspirational

3  

Usha R लेखन्या

Inspirational

बहारें आएंगी

बहारें आएंगी

1 min
236

बहारें आएँगीं, नवकमल प्रफुल्लित होंगे

पहले की तरह शामें और दिन खिलेंगे

राही एक नई उमंग के साथ चलेंगे

डर को कर दरकिनार, रास्ते मंजिलों से मिलेंगे

भीड़ में, वही पुराना अन्दाज़ आएगा 

जब सब हँस-हँस कर पास-पास रहेंगे

मुखौटे उतरेंगे, दस्ताने हटेंगे

दूर से नहीं पास जा कर गले मिलेंगे

बहारें आएंगी, नवकमल प्रफुल्लित होंगे

आशान्वित हम सब, कि अब 

बहारें आएंगी, नवकमल प्रफुल्लित होंगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational