जब भी जागता हूँ भरम से, जाने क्या सोचता हूँ, किस लिए, किस किस बात पर, मैं खुद को ही जब भी जागता हूँ भरम से, जाने क्या सोचता हूँ, किस लिए, किस किस बात पर, म...
मुकद्दर का लिखा कोई मिटा नहीं सकता जो कीमत देनी है उसे लगा नहीं सकता मुकद्दर का लिखा कोई मिटा नहीं सकता जो कीमत देनी है उसे लगा नहीं सकता
अकेलेपन के पैमाने को, अपनेपन का एहसास दे गये... अकेलेपन के पैमाने को, अपनेपन का एहसास दे गये...
डर को कर दरकिनार, रास्ते मंजिलों से मिलेंगे डर को कर दरकिनार, रास्ते मंजिलों से मिलेंगे
जुगनू सी जगमग करने की चाहत है बेटियों की। जुगनू सी जगमग करने की चाहत है बेटियों की।
देकर अपनी चाहत का नज़राना.. अल्फाजों को मेरे, वो गुनगुनाने लगे. देकर अपनी चाहत का नज़राना.. अल्फाजों को मेरे, वो गुनगुनाने लगे.