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Phool Singh

Abstract Classics Inspirational

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Phool Singh

Abstract Classics Inspirational

सरकारी कर्मचारी

सरकारी कर्मचारी

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संघर्ष भरा होता उसका जीवन, सही रास्ता है जिसने चुना 

मार्गदर्शक भी उसकों अच्छे मिलते, दृढ़ता से जीवन लक्ष्य की जो ओर बढ़ा।।


मौज-मस्ती के समय में बंधू 

दिन-रात जिसने एक किया 

नींद, सुख-चैन से नाता तोड़ा 

तो कुछ ने अपना घर-परिवार ही छोड़ दिया।।


पार्टीयां छोड़ी-फिल्में छोड़ी 

सारा सिलेब्स अपना याद किया।।

हर विषय में की मास्टरी

तब जाकर सरकारी कर्मचारी बना।।


मेहनत का फल दिया प्रभु ने

चाहे छोटा सा बाबू बना

धीरे-धीरे बढ़ जायेगा

सरकार का जो कृपापात्र बना।।


अलग समझता खुद को अक्सर

अहम में भी कुछ भरा पड़ा 

मेहनत से पाया यह पद उसने

इस बात को मानता हर शख्स बड़ा।।


उलझना कभी न उनसे बंधू

सरकारी पद पर जो है खड़ा

सरकार भी उसका साथ निभाती

जो अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर इस काबिल बना।।


उनकी सुख-सुविधाओं की उसको चिंता

नियम सरकार भी देती शख्त बना

वेतन-पेंशन उनकी बढ़ाकर

सुरक्षित करती जीवन बड़ा।।


मेहनत से है जो नौकरी पाता,

पढ़ाई-लिखाई भी खूब किया 

तनख्वाह मिलती झोला भरकर,

जाने क्यूं, फिर भी हमेशा असंतुष्ट रहा।।


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