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Pradeep Nair

Classics

4.9  

Pradeep Nair

Classics

जीवन ज्योति-नन्ही अदिती

जीवन ज्योति-नन्ही अदिती

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595


तेरे आने से जो बदला है जहां

लफ्जों में हो ना सकेगा बयां

तेरे कदमों की वो पहली आहट

दिल में रहेगी हमेशा जवां


सूनी सी कुछ थी ये दुनिया मेरी

तूने आके इतनी खुशियां भरी

नन्हे हाथों की छुअन का वो पहला एहसास

लफ्जों में हो ना सकेगा बयां


तेरे कदमों की वो पहली आहट

दिल में रहेगी हमेशा जवां


कितने लोगों की कितनी बातों पर

यूं तो मुस्कुराया बहुत हूं मगर

अपनी ही मुस्कुराहट को मुस्कुराते देखने का वो एहसास

लफ्जों में हो ना सकेगा बयां


तेरे कदमों की वो पहली आहट

दिल में रहेगी हमेशा जवां


वक्त के साथ चलता हुआ

कब बड़ा हुआ पता भी ना चला

अपने बचपन को फिर जीने का ये एहसास

लफ्जों में हो ना सकेगा बयां


तेरे कदमों की वो पहली आहट

दिल में रहेगी हमेशा जवां

तेरे आने से जो बदला है जहां

लफ्जों में हो ना सकेगा बयां...


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