किसी उत्सव की स्मृति
किसी उत्सव की स्मृति
मुंबई
साल 2012
गणपति पूजा
सबसे बड़ा उत्सव
महाराष्ट्र का प्रमुख उत्सव
बहुत दिन पहले हो जाती तैयारियाँ
हर गली हर मोड़ पर शादी
विसर्जन तक रहे रौनक
गणपति पूजा की
जयजय कार
बप्पा की।
मुंबई में
गणपति पूजा
लाल बाग का राजा
सबसे बड़ी प्रतिमा व प्रतिष्ठित
उनके दर्शन कर सफल
हर एक का जीवन
मैं भी अभिलाषी
दर्शन की
बप्पा के।
के. वि. 2.
कोलाबा में थी
बनाया टीचर्स के साथ
दर्शन कर लौट आने का प्लान
सब निकले घर से 4 बजे
उतरे दादर स्टेशन
टैक्सी परेल की
पहुँचे सब
लाल बाग के
राजा के दर्शनाथ
लम्बी लाईन दूर दूर तक
दो घंटे कैसे होगी वापसी स्कूल तक
नेवी नगर के वि की नौकरी
आई कार्ड दिखा सोचा
तुक्का चलाया जाए
अगर फ्री में ही
मिल जाए
वी आई पी एन्ट्री
किस्मत अच्छी पहुँचे वहाँ
वी आई पी गेट एन्ट्री थी जहाँ
खड़े पुलिस वाले का बच्चा पढ़े हमारे यहाँ
उन्होंने हम सबकी प्रार्थना सुनी
अंदर जाने में आसानी हुई
हमको सीधी एन्ट्री मिली
विशाल वैभव मूर्त
निहारते रहे सब
न आया जब
तक नम्बर
भूल गए स्कूल
जाना था जरूरी
आज इच्छा हुई थी पूरी
दर्शन मानो कोई रण जीता हो
बप्पा का आशीर्वाद लिया
वहाँ से जब बाहर आए
खुशी से पगलाए
विश्वास नहीं
बप्पा के
दर्शन
कर आए
समय अभी
था हमारे पास
बाहर कर भी सब
आरती गाएँ, गणपति ध्यायें
ऐसा मौका मिले न मिले
दस बार जमीन पर
धौंक लगाए
गणपति
बप्पा
मोरया
पुढच्या
वर्षी
लौकर या।