हिंदी मेरी पहचान है
हिंदी मेरी पहचान है
हम हिन्द के वासी हैं,
हिंदी ही मेरी पहचान है!
है घर ये हिंदुस्ता मेरा,
भाषा हमारी शान है!
है प्रेम की अभिव्यक्ति ये,
भजनों में मन की भक्ति ये!
शोभा कलम कवियों की ये,
वीरों के मन की शक्ति ये!
माना जरूरी और भी ,
भाषाएं हैं और ज्ञान है!
लेकिन हमारा गर्व हिंदी,
हिंदी मेरा अभिमान है!
क्यूँ शर्म से मैं सर झुकाऊँ ???
अपनी भाषा से ही
मुंह मोड़ जाऊं????
मेरे देश की ये एकता,
है पूर्वजों की परंपरा,
है देवभाषा की बहन,
हिंदी मेरा स्वाभिमान है।
हम हिन्द के वासी हैं
हिंदी ही मेरी पहचान है।
संवेदनाओं में ढली ,
है भावनाओं में पली
शब्दों का ये भंडार घर
लोरी में ममतामयी
वात्सल्य का उपहार है!
है देश में परिवेश में,
हर जुबां हर भेष में,
हर एक जुबाँ पर ये सजे,
हिंदी हमारा गर्व हो,
हिंदी में सारे पर्व हों,
ऐसा मेरा अभियान है।
हम हिन्द के वासी हैं
हिंदी ही मेरी पहचान है।