“तब मिलेंगे”
“तब मिलेंगे”
पतजड़ आयी है जिंदगी में आपकी,
में बहार लेकर आऊंगा, तब मिलेंगे
उदासी छायी है चहेरे पे आपके,
में मुस्कुराहट लेकर आऊंगा, तब मिलेंगे
रोके नहीं रुकते अश्क़ आँखों में आपके,
में वो अश्क़ मिटाने आऊंगा, तब मिलेंगे
कब्र पर मेरी आपने ये जो फूल रखे हैं,
में उनकी खुश्बु बनकर आऊंगा, तब मिलेंगे
ये जिंदगी कच्ची लिखी थी खुदा ने,
में पक्की लिखवाकर आऊंगा, तब मिलेंगे।

