दिल-ए- जज़्बात
दिल-ए- जज़्बात
हालत कुछ ऐसे हैं मेरे,
कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते।
वो क्या है ना,
जिंदगी में कुछ नियम कभी तोड़े नहीं जाते।
अपनों को दुःख नहीं देना,
शायद इसी लिए ये गम
उनके सामने खोले नहीं जाते।
माना कि हर एक जिंदगी में रुकावट आती है,
कुछ लोग इनसे लड़ते हैं, तो कुछ जाते है हार।
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लेकिन मेरी कहानी कुछ अलग है,
मे जीतकर भी कुछ पा ना सकूँगी,
और हारकर जिंदगी जी ना सकूँगी।
ऐसा नहीं की किसीसे बात नही करनी,
मगर दिल-ए- जज़्बात, को
समझने वाला कोई नहीं।
अब तन्हाईयों से जी भर जाता है मेरा।
कडी धूप में भी अक्सर बैठी रहती हूँ,
छाव वैसे भी अब ज़िंदगी में नहीं...