“मेरी माँ”
“मेरी माँ”
चहेरे से ज्यादा दिल से खुबसूरत है मेरी माँ।
खुद से ज्यादा दूसरों का सोचती है मेरी माँ।
अपनो के लिए कुछ भी कर सकतीं है मेरी माँ।
रिश्तें निभाने में बड़ी पक्की है मेरी माँ।
बिना माँ-बाप के बच्चे कि जिंदगी को,
बड़े अच्छे से जानती है मेरी माँ।
खुद की जिंदगी अंधेरे में बिता दी,
पर उसका साया भी हमारे पास ना आने दीया।
खुशी ओर गम, अंधेरा ओर उजाला,
सब कुछ महसूस किया है उसने,
शायद इसीलिए तो जिंदगी को,
बडे़ अच्छे से जानती है मेरी माँ।
अपनी गलती पर छोटे बच्चे कि तरह,
बात को बदल देती है मेरी माँ।
इस लिए तो बड़ी ही नादान,
ओर भोली है मेरी माँ।
कभी कभी गुस्सा करती है पर फिर भी,
हमें बहोत प्यार करती है मेरी माँ।
हाँ,,, बस ऐसी ही है मेरी माँ ।
