“सुभाषचंद्र बोस”
“सुभाषचंद्र बोस”
पिता जिनके जानकीनाथ,
माता प्रभावती थी...
दिन था 23 जनवरी का,
और नगर था कटक, ओरिसा का...
जन्म हुआ था उस दिन,
जिस महान पुरुष का...
नाम उनका, सुभाषचंद्र बोस था...
आई सी एस की परीक्षा में जिसने,
चौथा क्रम पाया था,
देशभक्ति की चाह में जिसने,
उस नोकरी को ठुकराया था...
भारत को दिलानी थी आज़ादी,
यही जिनका जीवनलक्ष था...
नाम उनका सुभाषचंद्र बोस था...
ग्यारह बार जो कारागर मे गए,
वहापर भी वो अंशन पर उतरे...
अरे, अपने ही घर मे वो,
नजरबंध भी तो रहे थे।
भेस बदलकर जिसने,
अंग्रेजो को दिया था चकमा...
नाम उनका सुभाषचंद्र बोस था...
जुटाकर समर्थन विश्वपटल पर सबका,
की थी जिसने, आज़ाद हिंद फौज की रचना,
क्रांति को अपनाकर जिसने,
युवाओं को पुकारा था,
आज़ादी को पाने के लिए उन्होने,
लहू भी तो मांगा था...
जय हिंद का नारा देकर,
मनमें जोश जगया था...
नाम उनका सुभाषचंद्र बोस था...
आज़ादी का जोश था उनमें,
तिरंगे के वो दिवाने थे...
छेद दी थी लडाई जिसने आरपार की,
मगर अंग्रेजो के सामने,
कभी सिर नही झुकाया था।
नाम उनका सुभाषचंद्र बोस था...
मनमे सजाया था जिसने,
आज़ादी का सपना,
नेताजी वो कहलाये थे,
अठरा अगस्त का वो दिन था,
तायवाँन के लिए निकला एक हवाईजहाज था,
कर चले वो उस दिन अर्पण,
जिवनपुष्प अपना...
जिस सहिद की मौत पर
आज भी तर्क- वितर्क है...
नाम उनका सुभाषचंद्र बोस है।
