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Kumar Gaurav Vimal

Romance Fantasy

4.5  

Kumar Gaurav Vimal

Romance Fantasy

वो करती हैं मुझसे भी

वो करती हैं मुझसे भी

1 min
273


वो करती हैं मुझसे भी लेकिन,

करती कभी इकरार नहीं

आंखों में छिपे अल्फाजों को,

जुबां पर लाने को तैयार नहीं

वो करती हैं मुझसे भी लेकिन,

करती कभी इकरार नहीं


चाहत ए दिदार उसे भी हैं,

पर चाहत कभी दिखाती नही

दिन भर का वो हाल सुनाए,

पर दिल की बात बताती नही

चाहती हैं मुझे भी वो,

पर कहती है कि प्यार नही

वो करती हैं मुझसे भी लेकिन,

करती कभी इकरार नहीं


प्यार पेश करती हैं अपना,

दोस्ती के लिबास में

चाहती हैं की रहुं मैं,

हरदम उसके पास में

आंखों की बात समझ न पाए,

ये दिल इतना भी बेकार नहीं

वो करती हैं मुझसे भी लेकिन,

करती कभी इकरार नहीं


इज़हार ए इश्क करता रहता,

ये दिल बन बैठा है आवारा

एक बार जो ठोकर खा ली इसने ,

फिर भी कोशिश करता है दोबारा

इकरार ए इश्क करवाए बिना,

ये दिल भी मानेगा हार नहीं

वो करती हैं मुझसे भी लेकिन,

करती कभी इकरार नहीं


आंखों में छिपे अल्फाजों को,

जुबां पर लाने को तैयार नहीं

वो करती हैं मुझसे भी लेकिन,

करती कभी इकरार नहीं।


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