दूसरी दुनिया में
दूसरी दुनिया में
घर का दरवाजा आज रुठा सा था,
मेरे आने की आहट तो सुनी थी,
मगर आज चुप सा था।
बचपन की कैद तस्वीरें उन दीवारों में,
मुरझा गए थे फूल उन गमलों में,
शायद मेरे आने का इंतजार था उन्हें,
लेकिन मैं तो व्यस्त था दूसरी दुनिया में।