गरमागरम चाय
गरमागरम चाय
क्या कहूँ,
कहता चलूँ
प्याली में ढूबी प्यारी चाय,
मिलाई से लदी घर की चाय,
घर में हूँ बैठा,
मिले बस गरमागरम चाय।
पत्ती तेरे हुस्न को रंग देती,
चीनी तेरे होने का एहसास कराती,
दूध में लदी,
तू और भी सुंदर दिखती।
क्या कहूँ
कहता चलूँ
मिले बस एक कप चायचाय।
दिन बन जाए
देखूँ जब प्याले में भरी चाय।
