मां -बाप
मां -बाप
खुद के सपनों को सपना मानकर,
हमारे सपनों को सच मानते
ऐसे अपने सपनों की बस्ती में नहीं,
ममता और समर्पण की कश्ती में पाए जाते।
खुद के सपनों को सपना मानकर,
हमारे सपनों को सच मानते
ऐसे अपने सपनों की बस्ती में नहीं,
ममता और समर्पण की कश्ती में पाए जाते।