दुल्हन की मौत
दुल्हन की मौत
मौत जमाना हर दिन देख रहा
रोक नहीं इनमें,
ये तो ईश्वर का पैगाम लग रहा।
असाधारण सी मृत्यु
कई प्रश्न छोड़ रहा
हँसता खेलता परिवार भी
पत्तों की तरह अब बिखर रहा।
सपना था परिवार का एक
आज वही सपना दूर हो रहा
दुल्हन की विदाई की जगह
उसकी मौत का मातम छा रहा।
