पैगाम
पैगाम
दिल के पैगाम को रफ़्तार मिल गई,
एक अधूरी सी मौहब्बत आज पूरी हो गई।
कामना थी जिससे मिलने की,
आज वो सामने आ गई।
एक अनजान सी मौहब्बत ,
आज जान से प्यारी हो गई।
बेदाम में नहीं मिली कुछ,
मेहनत से वो मिल गई।
पैदल चल रहे आशिक को,
आज मोहब्बत की सवारी मिल गई।

