मनुष्य जीवन
मनुष्य जीवन
सकुचाहट हो मन में
त्रास हो या तन में
मिलेंगे सब सुख दुख यहीं
मनुष्य जीवन में।
कामना करते आसमान छूने की
संघर्ष करना चाहते हो
तिनका भर ही
लोलुपता है जीने की
मरना फिर भी पड़ेगा,
यही रीत है मनुष्य जीवन की।
