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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

श्याम रोजाना सपनों में आया करो

श्याम रोजाना सपनों में आया करो

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मेरे सपनों में तुम, श्याम रोजाना आया करो..

मैं ढूंढूं जीवन में, श्याम रोजाना आया करो

मैं ढूंढूं जीवन में, श्याम रोजाना आया करो

मेरे सपनों में तुम, श्याम रोजाना आया करो..

एक वहीं जगह ऐसी, जहां मिलन तुम्हारा हैं

एक वहीं वक्त ऐसा, जहां दरस तुम्हारा हैं

एक वहीं जगह ऐसी, जहां प्यार हमारा हैं

एक वहीं वक्त ऐसा, जहां साथ तुम्हारा हैं

हमको तुम अब ऐसे, तरसाया ना करो

मेरे सपनों में तुम, श्याम रोजाना आया करो..

अन्तर्मन में भगवन, तुम रहते हो मोहन

इस तन में प्राणों से, तुम बहते हो सोहन    

सपनों में आकर भी, तुम कहते हो मोहन

दुनिया के कण कण में, तुम रहते हो सोहन

फिर भी मैं तुम्हारे दर्शन की अभिलाषी हूं,

इस दुनिया में रहकर, श्याम के प्रेम की प्यासी हूं

हमको तुम अब ऐसे, तरसाया ना करो

रोजाना ना सही, पर कभी तो आया करो

मेरे सपनों में तुम, श्याम रोजाना आया करो

मैं ढूंढूं जीवन में, श्याम रोजाना आया करो..

एक रात जो आती हैं, वो तुझको लाती हैं 

तू आता सपनों में, बस जाएं जीवन में

तेरा दरस भी होता है, तेरा प्रेम बरसता हैं 

जिसकी चाहत रहती हर पल, हमारी अंखियों में 

मेरे सपनों में तुम, श्याम रोजाना आया करो

मैं ढूंढूं जीवन में, श्याम रोजाना आया करो..

आकर जाना, जाकर आना

अच्छा नहीं लगता हैं,

प्रेम के वश अपने प्रभु से,

प्रेमी ये कहता हैं,,

ठहर जाओ तुम, मेरे नयन में

ठहरो, इस तन, मन में

ठहर जाओ तुम, हृदय भवन में

ठहरो, इस जीवन में,,

प्रेम की अर्जी, प्रेमी से सुनके, श्याम सुंदर मुस्काए       

फिर आने का वादा करके, वो अन्तर्ध्यान हो जाएं

प्रेमी स्वप्न से जागा जब तक, श्याम नज़र ना आएं

स्वप्न मानकर सो गया वो, मन ही मन मुस्काए

देखें स्वप्न में राधारमण जब,

और नहीं कुछ चाहत हैं अब,

दरस हुए हैं अद्भुत रूप के,

दरस हुए अब प्रेम स्वरूप के,,

हमको तुम अब ऐसे तरसाया ना करो,

मेरे सपनों में तुम, श्याम रोजाना आया करो

श्याम, रोजाना सपनों में आया करो।

वासुदेवाय नमः

जय श्री कृष्णा।

राधे राधे..।



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