बड़े निराले थे निराला
बड़े निराले थे निराला
बड़े निराले थे, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला,
कविता जपती है उनके नाम की माला।
उनकी रचनाओं में यथार्थ का चित्रण है,
ठुकराया निराला ने कल्पना का प्याला।
बड़े निराले थे………….
महान् कवि, कथाकार, उपन्यासकार थे,
उनका निबंध भी करता, मन मतवाला।
अनामिका, बेला, गीतिका काव्यसंग्रह हैं,
बेला खोल देती है बंद अक्ल का ताला।
बड़े निराले थे……………….
जन्म जयंती पर, कोटि कोटि नमन है,
उनकी कलम ने दिया हमें नया उजाला।
रचनाओं में राष्ट्रप्रेम की छटा निराली है,
सदा जलती रहेगी देशभक्ति की ज्वाला।
बड़े निराले थे………………
बसंत पंचमी को, जन्म हुआ था उनका,
माता शारदा ने सारा ज्ञान था दे डाला।
निराला की रचनाएं भी वही खुशी देती,
जो दिया करती है बच्चन की मधुशाला।
बड़े निराले थे……………..