ऐसी हूं मैं
ऐसी हूं मैं
नमस्ते, वैसे तो कविता में छुपाकर
अपने बारे में कई बातें बताती हूं,
पर सोचा आज कुछ अपने बारे में
सीधे-सीधे सुनाती हूं।
वैसे कुछ खास नहीं है बताने को,
मैं साधारण सी एक लड़की हूं
ज्यादा बोलने का शौक नहीं है मुझे,
चुप रहना ही पसंद करती हूं।
वैसे तो बहुत जल्दी दोस्ती कर लेती हूं,
पर दोस्तो के मामले में ज़रा गरीब हूं मैं
वो चुप रहने का शौक है ना मुझे तो सब जल्द
दूर चले जाते हैं,
इसलिए अकेले पन के ज्यादा करीब हूं मैं।
मजाक में भी किसी का दिल दुखाना,
और किसी के आंसुओं का कारण बनना मुझे ग्वारा नहीं।
वैसे थोड़ी डरपोक हूं, बहुत जल्दी घबरा जाती हूं
पल में हंंस देती हूं, और छोटी छोटी बातों पर रो ने लग जाती हूं।
दुनिया वालों से फर्क नहीं पड़ता मुझे,
बस अपने मां बाप को गर्व महसूस करवाना चाहती हूं।
किताबें पढ़ना और कविता लिखना मेरा शौक है,
या ये कहूं कविता मेरे लिए एक सच्ची दोस्त है।
जिसमें मैं वो सभी बातें लिख पाती हूं जो
मैं एक सच्चे दोस्त को बताना चाहती हूं।
कुछ ख्वाब है मेरे, जिन्हें सच कर
कुछ कर दिखाना चाहती हूं।
बस और क्या बताऊं अपने बारे में,
ऐसी ही हूं मैं, और ऐसी ही रहना चाहती हूं।
