रात
रात
कुछ ख्वाब लेकर आती है
गुज़रे लम्हों की याद लेकर आती है
हजारों, लाखों की भीड़ से घिरी इस जिंदगी में
अकेलेपन का एहसास लेकर आती है
झूठी हंसी में छीपे सच्चे आंसू लेकर आती है
जिनके जवाब नहीं मेरे पास
वो सवाल लेकर आती है
जो कलम और कागज को साथ लेकर आती है
ये रात
वो सुंदर महताब लेकर आती है