लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे
कब तक,
कब तक हम ये सोचते रहेंगे,
कि लोग क्या कहेंगे
तोड़ कर बंधनों का पिंजरा आसमान में उड़ान भरो
लोगों को पीछे छोड़ दिल जो कहता है वो करो,
जिन्स, सूंट पहनो या साड़ी ये जिस्म तुम्हारा है
तुम्हारी मर्जी पर क्यों अंजान लोगों का पहरा है
'सबके सामने जोर से हंसना नहीं,
लोग क्या कहेंगेे'
अरे, हंसी तुम्हारी है, लोगों के कारण
क्यों अपनी मुस्कराहट को छिपाया है
कोई अगर गलत निगाह से देखे तो
आवाज उठाने से क्यों दिल घबराया है
ग़लत के लिए उठती आवाज को
दुनिया के डर से क्यों दबाया है
क्यों समाज से डरते हो,
ये जिंदगी तुम्हारी है
इस पर हक़ तुम्हारा है
क्या करना है, क्या नहीं तुम्हारी
इस जिंदगी का हर फैसला तुम्हारा है।