Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

महेश 'ज्योति'

Inspirational

4  

महेश 'ज्योति'

Inspirational

खेलौ रे खूब फाग

खेलौ रे खूब फाग

1 min
369


खेलौ रे खूब फाग रंग भरी होरी में ।

पर ना परि जाय गाँठ नेहा की डोरी मेें ।।

होरी के रंगन में मन कू्ँ रँग डारौ रे ,

प्रेम की फुहारन तन प्रेम तेे पखारौ रे ,

अंतर मत करौ आज कारी में गोरी में ।

भीजै तन भीजै मन भीजै जन-जन भैया ,

केसरिया रंग रँगै जन-गन-मन की मैया ,

छलकै आनंद आज भाल चढ़ी रोरी में ।

कंचन सी काया पै टेसू कौ रंग चढ़ौ ,

ढाई आँखर पढ़कै हमनै पुरान पढ़ौ ,

विष प्यालौ पीमैं हम प्रेम की कटोरी में ।

हरषै मन कौ मोरा सरसै मन सारस रे ,

और पास आओ मन है जावे पारस रे ,

रँगे हाथ पकड़ौ रे नेहा की चोरी में ।

काजर की रेखा हू नैन लगै प्यारी रे ,

कारौ तिल गालन की शोभा हू भारी रे ,

कारौहू खप जावै कामरिया कोरी में ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational